Vipin Bansal

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सरकारी योजना

कविता - ( सरकारी योजना ) 

मुद्दतों बाद बनी !
बनते ही खोदना !
बाद का काम पहले !
पहले का बाद पर छोड़ना !
फिर नए सिरे से !
उन सड़कों को खोदना !
फिर शुरू होती नई परियोजना !
समझ न आई हमको !
यह सरकारी योजना !
समझ न आई हमको !
यह सरकारी योजना !

बिजली फ्री पानी फ्री !
बोतल के संग एक बोतल फ्री !
फ्री - फ्री चिल्लाकर !
चुनावों में वोट बटोरना !
एक घर में फ्री बिजली !
दूजे घर गला घोंटना !
पानी के मीटरों का तेज दौड़ना !
संयुक्त परिवारों का शुरू हुआ टूटना !
समझ न आई हमको !
यह सरकारी योजना !
समझ न आई हमको !
यह सरकारी योजना !

पीने वालों की लगी झड़ी !
एक के संग एक फ्री !
गली - गली ठेके खोलना !
पीने वालों के कांधो पर !
अर्थव्यवस्था को छोड़ना !
शायद है यह नई योजना !
मयख़ाने में बदलकर दिल्ली को छोड़ना !
बहुत खूब इनका सोचना !
समझ न आई हमको !
यह सरकारी योजना !
समझ न आई हमको !
यह सरकारी योजना !

ताहिर हुसैन क्या नहीं था पास !
बलात्कारी से जो कराई मसाज !
इनके ओहदे को सलाम !
जेल में मिलते हैं पकवान !
यह आम आदमी की पहचान !
घर को दीमक की तरह चाटना !
चुनावों में रेबड़ी बाटना !
वोट के लिए घर - घर याचना !
समझ न आई हमको !
यह सरकारी योजना !
समझ न आई हमको !
यह सरकारी योजना !

पूरी उम्र गुज़री !
पर न देखी ऐसी लड़ाई !
गवर्नर के हाथों में !
दिल्ली की सत्ता आई !
चुनी हुई सरकार के !
कार्यों में बोलना !
जनता के फैसले की !
क्यों हुई अवहेलना !
समझ न आई हमको !
यह सरकारी योजना !
समझ न आई हमको !
यह सरकारी योजना !

विपिन बंसल

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7 Comments

Teena yadav

29-Nov-2022 03:47 PM

Amazing

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Abhinav ji

29-Nov-2022 08:05 AM

Nice

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बहुत ही सुंदर सृजन और अभिव्यक्ति एकदम उत्कृष्ठ

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